एतिहासिक रही पेन्टिंग की राष्ट्रीय कार्यशाला

भिलाई। पाई आर्ट फाउंडेशन एवं ललित कला अकादमी समूह द्वारा राष्ट्रीय स्तर की एक दिवसीय पेन्टिंग कार्यशाला का आयोजन 19 मई रविवार को सोमनी के ब्लीज इंटरनेशनल में किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि खैरागढ़ विश्वविद्यालय के पूर्व डीन शीव प्रसाद चौधरी, विशिष्ठ अतिथि रमेश कुमार श्रीवास्तव, हरीसेन, रोहिणी पाटणकर, विनिता गुप्ता, मो. नफीस थे। शीव प्रसाद चौधरी ने डा. प्राची एवं उनके फाउंडेशन द्वारा किए गए कार्यशाला की भूरी-भूरी प्रशंसा की तथा पेन्टिंग बनाकर उन्हें अपना आशीर्वाद दिया। ब्लीज इंटरनेशनल के रमेश कुमार श्रीवास्तव (रमेश भैय्या) ने समस्त कलाकारो के लिए निशुल्क केनवास, रंग, भोजन तथा सम्मान की व्यवस्था की थी। हरीसेन ने दो पेन्टिंग बनाकर इस आयोजन को छत्तीसगढ़ी कलाजगत के लिए मील का पत्थर निरूपित किया। विजय शर्मा ने इतने सारे चित्रकारों के एक जगह जमा होने को लेकर साहित्यिक अंदाज में कहा कि शुरुआत में तो यह एक सैलाब, जलजला जैसा महसूस हो रहा था। फिर भी एकदम शांत और मनोरम वातावरण था। सबके हाथों में कुचियां रंग से सरोबार, कैनवास पर अठखेलियां कर रही थी। उनके मन में क्या है कुछ पता ही नहीं चल रहा था, वे सब हँस रहें थे, मुस्कुरा रहें थे, बातें कर रहें थे और उनके अंदर का चितेरा कहीं दूर कुछ तलाश रहा था जो बाद में पटल पर एक सुन्दर अप्रितम रमणीय छवि के रूप में प्रदर्शित हुआ। वरिष्ठ चित्रकारा विनीता गुप्ता ने कहा कि यह ईश्वर का आशीर्वाद भरा दिन था जहां कलाकारों को अपनी पूजा करते हुए प्रत्यक्ष देखा। रंगों और ब्रश के संग उनकी अराधना, उनका जादू, न कोई बड़ा न कोई छोटा, सारे लोग एक ही रंग में सराबोर, एक दूसरे के प्रति वो सम्मान जो आजकल मुश्किल से ही देखने को मिलता है। ये वहाँ उपस्थित सभी चित्रकारों के लिए एक कभी ना भूल पाने वाला यादगार दिन था। जो हमेशा के लिए उनके दिल में ही नहीं दिमाग़ में भी हमेशा के लिए बस गया। मो. नफीज एवं प्राची ने फाउंडेशन के उद्देश्य को सामने लाते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में पहली बार ऐसा हुआ है कि राज्य के सभी नामचीन कलाकार एक मंच पर एकत्रित हुए हैं। मोहन बराल ने अपने अंदाज में 7 पेन्टिंग बनाकर सबको मंत्रमुग्ध कर दिया। आयोजन में सुप्रसिद्ध चित्रकार रोहिणी पाटणकर, बृजेश तिवारी जैसे वरिष्ठ चित्रकारों ने पेन्टिंग बनाई तो वहीं मात्र 5-6 वर्ष के छोटी उमर के बच्चे भी मौजूद थे। दादी और पोती के साथ पिता और पुत्री की जुगलबंदी भी देखने को मिली। भिलाई इस्पात संयंत्र से प्रसिद्ध चित्रकार पापाराव, भूपत राव बोरकर, उमाकांत ठाकुर ने पेन्टिंग बनाई वही खैरागढ़ विश्वविद्यालय से किशोर शर्मा, कपिल वर्मा, सारिका गोस्वामी, नेहा देवांगन, समीर, सिमरन, प्रीति, आराध्या, अनन्या, गुंजन, मिर्ज़ा रफी, नरगिस मिर्ज़ा, रिद्धिमा पांडे भी थे। अभिषेक सपन, नायरा रंगारी भिलाई से थे तो रिद्धिमा दत्ता, राहुल दत्ता, प्रीति, श्यामा, पी शीतल राव रायपुर से आए थे। छत्तीसगढ़ के विभिन्न अंचलों से आए हुए गनिका, जयप्रभा, स्तुति गुप्ता, प्रमोद श्रीवास्तव, नवांशु ने अपनी तूलिका से कैनवास को नया आयाम दिया। कार्यक्रम का सफल संचालन साहित्यकार मेनका वर्मा, विजय शर्मा, प्रवीण कालमेघ, डा. अंकुश देवांगन ने किया।

एतिहासिक रही पेन्टिंग की राष्ट्रीय कार्यशाला

भिलाई: पाई आर्ट फाउंडेशन एवं ललित कला अकादमी समूह द्वारा राष्ट्रीय स्तर की एक दिवसीय पेन्टिंग कार्यशाला का आयोजन 19 मई रविवार को सोमनी के ब्लीज इंटरनेशनल में किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि खैरागढ़ विश्वविद्यालय के पूर्व डीन शीव प्रसाद चौधरी, विशिष्ठ अतिथि रमेश कुमार श्रीवास्तव, हरीसेन, रोहिणी पाटणकर, विनिता गुप्ता, मो. नफीस थे। शीव प्रसाद चौधरी ने डा. प्राची एवं उनके फाउंडेशन द्वारा किए गए कार्यशाला की भूरी-भूरी प्रशंसा की तथा पेन्टिंग बनाकर उन्हें अपना आशीर्वाद दिया। ब्लीज इंटरनेशनल के रमेश कुमार श्रीवास्तव (रमेश भैय्या) ने समस्त कलाकारो के लिए निशुल्क केनवास, रंग, भोजन तथा सम्मान की व्यवस्था की थी। हरीसेन ने दो पेन्टिंग बनाकर इस आयोजन को छत्तीसगढ़ी कलाजगत के लिए मील का पत्थर निरूपित किया। विजय शर्मा ने इतने सारे चित्रकारों के एक जगह जमा होने को लेकर साहित्यिक अंदाज में कहा कि शुरुआत में तो यह एक सैलाब, जलजला जैसा महसूस हो रहा था। फिर भी एकदम शांत और मनोरम वातावरण था। सबके हाथों में कुचियां रंग से सरोबार, कैनवास पर अठखेलियां कर रही थी। उनके मन में क्या है कुछ पता ही नहीं चल रहा था, वे सब हँस रहें थे, मुस्कुरा रहें थे, बातें कर रहें थे और उनके अंदर का चितेरा कहीं दूर कुछ तलाश रहा था जो बाद में पटल पर एक सुन्दर अप्रितम रमणीय छवि के रूप में प्रदर्शित हुआ। वरिष्ठ चित्रकारा विनीता गुप्ता ने कहा कि यह ईश्वर का आशीर्वाद भरा दिन था जहां कलाकारों को अपनी पूजा करते हुए प्रत्यक्ष देखा। रंगों और ब्रश के संग उनकी अराधना, उनका जादू, न कोई बड़ा न कोई छोटा, सारे लोग एक ही रंग में सराबोर, एक दूसरे के प्रति वो सम्मान जो आजकल मुश्किल से ही देखने को मिलता है। ये वहाँ उपस्थित सभी चित्रकारों के लिए एक कभी ना भूल पाने वाला यादगार दिन था। जो हमेशा के लिए उनके दिल में ही नहीं दिमाग़ में भी हमेशा के लिए बस गया। मो. नफीज एवं प्राची ने फाउंडेशन के उद्देश्य को सामने लाते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में पहली बार ऐसा हुआ है कि राज्य के सभी नामचीन कलाकार एक मंच पर एकत्रित हुए हैं। मोहन बराल ने अपने अंदाज में 7 पेन्टिंग बनाकर सबको मंत्रमुग्ध कर दिया। आयोजन में सुप्रसिद्ध चित्रकार रोहिणी पाटणकर, बृजेश तिवारी जैसे वरिष्ठ चित्रकारों ने पेन्टिंग बनाई तो वहीं मात्र 5-6 वर्ष के छोटी उमर के बच्चे भी मौजूद थे। दादी और पोती के साथ पिता और पुत्री की जुगलबंदी भी देखने को मिली। भिलाई इस्पात संयंत्र से प्रसिद्ध चित्रकार पापाराव, भूपत राव बोरकर, उमाकांत ठाकुर ने पेन्टिंग बनाई वही खैरागढ़ विश्वविद्यालय से किशोर शर्मा, कपिल वर्मा, सारिका गोस्वामी, नेहा देवांगन, समीर, सिमरन, प्रीति, आराध्या, अनन्या, गुंजन, मिर्ज़ा रफी, नरगिस मिर्ज़ा, रिद्धिमा पांडे भी थे। अभिषेक सपन, नायरा रंगारी भिलाई से थे तो रिद्धिमा दत्ता, राहुल दत्ता, प्रीति, श्यामा, पी शीतल राव रायपुर से आए थे। छत्तीसगढ़ के विभिन्न अंचलों से आए हुए गनिका, जयप्रभा, स्तुति गुप्ता, प्रमोद श्रीवास्तव, नवांशु ने अपनी तूलिका से कैनवास को नया आयाम दिया। कार्यक्रम का सफल संचालन साहित्यकार मेनका वर्मा, विजय शर्मा, प्रवीण कालमेघ, डा. अंकुश देवांगन ने किया।