संयुक्‍त कार्य समिति की 6वीं बैठक में भारत और जापान ने आतंकवाद के खतरों पर किया विचार विमर्श

संयुक्‍त कार्य समिति की 6वीं बैठक में भारत और जापान ने आतंकवाद के खतरों पर किया विचार विमर्श

भारत और जापान ने आतंकवाद से निपटने के लिए संयुक्‍त कार्य समिति की छठी बैठक की है। विदेश मंत्रालय ने बताया है कि कल हुई इस बैठक में दोनों देशों ने अपने-अपने क्षेत्रों में आतंकवाद के खतरों पर विचार विमर्श किया। उन्‍होंने दक्षिण एशिया, दक्षिण पूर्व एशिया, पूर्व एशिया और पश्चिम एशिया में सीमापार आतंकवाद के साथ साथ अफगानिस्‍तान और पाकिस्‍तान में आतंकवादी गतिविधियों पर भी चर्चा की। आतंकवाद विरोधी भारत-जापान संयुक्त कार्य समूह की छठी बैठक में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव केडी देवल ने किया। जापानी दल का नेतृत्व जापानी सरकार में आतंकवाद और अंतर्राष्ट्रीय संगठित अपराध का मुकाबला करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के प्रभारी राजदूत हिरोयुकी मिनामी ने किया।

विदेश मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान में बताया गया, आतंकवाद से मुकाबले पर भारत-जापान संयुक्त कार्य समूह की छठी बैठक 29 मई 2024 को नई दिल्ली में आयोजित की गई। दोनों पक्षों ने अपने-अपने क्षेत्रों में आतंकवादी खतरों पर विचारों का आदान-प्रदान किया, जिसमें दक्षिण एशिया, दक्षिण पूर्व एशिया, पूर्वी एशिया, मध्य पूर्व में राज्य प्रायोजित सीमा पार आतंकवाद के साथ-साथ अफ-पाक (Af-Pak) क्षेत्र में आतंकवादी गतिविधियां भी शामिल हैं।

दोनों पक्षों ने आतंकी गतिविधियों के लिए धन मुहैया कराने, संगठित अपराधों जैसे मुद्दों पर भी चर्चा हुई। बैठक में सूचना के आदान प्रदान, क्षमता निर्माण, प्रशिक्षण कार्यक्रमों और अभ्‍यास तथा बहुपक्षीय मंचों के जरिये आतंकवाद से निपटने में सहयोग मजबूत करने पर भी जोर दिया गया। इसके अलावा दोनों पक्षों के बीच टोक्यो में जेडब्ल्यूजी (JWG) की 7वीं बैठक आयोजित करने पर सहमति बनी।

उल्लेखनीय हैं, दोनों पक्षों ने सूचना के आदान-प्रदान, क्षमता निर्माण, प्रशिक्षण कार्यक्रमों और अभ्यासों और संयुक्त राष्ट्र, एफएटीएफ और क्वाड जैसे बहुपक्षीय मंचों पर सहयोग के माध्यम से आतंकवाद विरोधी सहयोग को मजबूत करने के महत्व पर जोर दिया। बता दें, क्वाड (QUAD) भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान का एक समूह है। इसका उद्देश्य “मुक्त, स्पष्ट और समृद्ध” इंडो-पैसिफिक क्षेत्र सुनिश्चित करना तथा उसका समर्थन करना है। वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (FATF) एक अग्रणी संगठन है जो मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद के वित्तपोषण से निपटने के लिए वैश्विक कार्रवाई पर ध्यान केंद्रित करता है।