कटघोरा-मुंगेली-कवर्धा-डोंगरगढ़ रेल लाइन के लिए भूमि अधिग्रहण के काम में आएगी तेजी

विष्णुदेव सरकार ने किया अपने हिस्से के 300 करोड़ रुपए का भुगतान रायपुर। लोकसभा चुनाव परिणाम आने के बाद कटघोरा-मुंगेली-कवर्धा-डोंगरगढ़ रेल लाइन के लिए जमीन अधिग्रहण के काम में तेजी आएगी। काम को गति देने में छत्तीसगढ़ सरकार ने इस प्रोजेक्ट के तहत अपने हिस्से के 300 करोड़ रुपए का भुगतान कर दिया है। जल्द ही सेंट्रल रेलवे, महाराष्ट्र की पावर जनरेशन कंपनी और आर्यन कोल बेनिफिशियरी लिमिटेड अपने-अपने हिस्से की राशि जारी करेंगे, जिसके बाद भूमि अधिग्रहण का काम शुरु हो जाएगा। जमीन अधिग्रहण में खर्च होंगे 1750 करोड़ रुपए- इन सभी कंपनियों को सवा चार सौ करोड़ का शेयर देना है। इसमें से छत्तीसगढ़ रेलवे कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने अपने हिस्से का भुगतान पूरा कर दिया है। जमीन अधिग्रहण के लिए प्रोजेक्ट की कुल लागत 7 हजार करोड़ रुपए का 25% राशि की आवश्यकता होगी। इस तरह 25% के हिसाब से करीब 1750 करोड़ रुपए से भूमि अधिग्रहण शुरू होगा। बता दें कि कटघोरा-मुंगेली-कवर्धा-डोंगरगढ़ रेल लाइन प्रोजेक्ट को लेकर 9 फरवरी 2016 को छत्तीसगढ़ सरकार और रेल मंत्रालय के बीच एमओयू हुआ। इसके बाद प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए 7 दिसंबर 2016 को छत्तीसगढ़ रेलवे कॉर्पोरेशन लिमिटेड नामक कंपनी स्थापित की गई।

कटघोरा-मुंगेली-कवर्धा-डोंगरगढ़ रेल लाइन के लिए भूमि अधिग्रहण के काम में आएगी तेजी

रायपुर: लोकसभा चुनाव परिणाम आने के बाद कटघोरा-मुंगेली-कवर्धा-डोंगरगढ़ रेल लाइन के लिए जमीन अधिग्रहण के काम में तेजी आएगी। काम को गति देने में छत्तीसगढ़ सरकार ने इस प्रोजेक्ट के तहत अपने हिस्से के 300 करोड़ रुपए का भुगतान कर दिया है। जल्द ही सेंट्रल रेलवे, महाराष्ट्र की पावर जनरेशन कंपनी और आर्यन कोल बेनिफिशियरी लिमिटेड अपने-अपने हिस्से की राशि जारी करेंगे, जिसके बाद भूमि अधिग्रहण का काम शुरु हो जाएगा। जमीन अधिग्रहण में खर्च होंगे 1750 करोड़ रुपए- इन सभी कंपनियों को सवा चार सौ करोड़ का शेयर देना है। इसमें से छत्तीसगढ़ रेलवे कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने अपने हिस्से का भुगतान पूरा कर दिया है। जमीन अधिग्रहण के लिए प्रोजेक्ट की कुल लागत 7 हजार करोड़ रुपए का 25% राशि की आवश्यकता होगी। इस तरह 25% के हिसाब से करीब 1750 करोड़ रुपए से भूमि अधिग्रहण शुरू होगा। बता दें कि कटघोरा-मुंगेली-कवर्धा-डोंगरगढ़ रेल लाइन प्रोजेक्ट को लेकर 9 फरवरी 2016 को छत्तीसगढ़ सरकार और रेल मंत्रालय के बीच एमओयू हुआ। इसके बाद प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए 7 दिसंबर 2016 को छत्तीसगढ़ रेलवे कॉर्पोरेशन लिमिटेड नामक कंपनी स्थापित की गई।